R&D यूनिट

साल 1984 में शुरू करने के बाद, हमारे संस्थापकों ने अपने दूरदर्शी विचारों और शैक्षणिक ज्ञान के माध्यम से कंपनी के विकास में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 1987 में, सागरलक्ष्मी ने बाजरा में ICAR आधार को मजबूत करने के लिए ICRISAT के साथ अनुसंधान के लिए सहयोग करने के लिए एक साहसिक कदम उठाया। इसके अलावा, ICAR (इंडियन काउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च, नई दिल्ली) के साथ अपने शीर्ष संस्थानों जैसे DOR (डीरेक्टर ऑफ ऑइलसीड्स रिसर्च, राजेंद्रनगर, हैदराबाद, अब IIOR), CICR (सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ कॉटन रिसर्च, नागपुर), कोइम्बतुर का प्रादेशिक कॉटन स्टेशन, CIRCOT, मुंबई और ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड पर्ल मिलेट इमप्रूवमेंट प्रोजेक्ट, मंडोर, जोधपुर, राजस्थान के द्वारा जर्मप्लाज्म और रिसर्च मटीरियल, उत्पाद के परीक्षण और वैज्ञानिक क्रियाप्रतिक्रियाओं के लिए सक्रिय सहयोग भी किया गया।

हम ICRISAT के लिए हाइब्रिड पेरेंट रिसर्च कंसोर्टिया के सदस्य भी बने हैं। उनके साथ जुड़कर हमें रिसर्च के लिए आवश्यक सहयोग मिला। इससे हम अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने के लिए उसमें अधिक फसलें जोड़ सके। फसलों में तुवर, सरसों, तिल, बाजरा, ग्वार और कुछ चुनिंदा सब्जियां शामिल हैं। हमने 3 जुलाई 2002 को सागरलक्ष्मी में अपने इन-हाउस अनुसंधान और विकास यूनिट की शुरूआत की। हमारे यूनिट को हमारे द्वारा किए गए सभी अनुकरणीय रिसर्च कार्यों के लिए डिपार्टमेंट ऑफ सायन्टीफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (DSIR) नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त हुई है।

 

प्रीमियम अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करने से हमें हुए लाभ:

  1. आवश्यक जर्मप्लाज्म
  2. प्रारंभिक ब्रीडिंग मटीरियल
  3. भारत भर में परीक्षण सुविधा
  4. वैज्ञानिक प्रतिक्रियाएं
  5. अनुसंधान वर्कशॉप्स
  6. कॉन्फरन्स और सेमिनार

 

सागरलक्ष्मी उन वैज्ञानिकों और कर्मचारियों का आभारी है जिनकी सामूहिक बुद्धिमत्ता ने हमें सफलता के इस शिखर पर पहुँचाया है और हमें बहुत लोकप्रिय बनाया है। हम अपनी टीम को समय के साथ तालमेल रखने के लिए समय-समय पर पूरे भारत में टेकनिकल सेमिनार, वर्कशॉप और कॉन्फरन्स में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

 

हमारी विश्व स्तरीय R&D सुविधा के मुख्य स्तंभ:

  1. इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा
  2. सिंचाई सुविधा
  3. लेबोरेटरी
  4. वैज्ञानिक मेनपावर

सागरलक्ष्मी के निर्माण के लिए 1987 में लगभग 20 एकड़ जमीन खरीदने के बाद, हमने 2009 में अपने कार्यक्षेत्र के विस्तार के लिए अलग-अलग स्थानों पर 25 एकड़ जमीन खरीदी। इन अत्याधुनिक सुविधाओं से हम क्रांतिकारी उत्पाद बना सकते हैं जो कृषि के क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं।

 

हमारी R&D यूनिट की सर्वोत्तम सुविधाएं:

  1. ट्यूब-वेल
  2. इन-हाउस लेबोरेटरी बिल्डिंग
  3. स्टाफ क्वार्टर्स
  4. स्टोरेज सुविधा

 

हम क्या करते हैं:

  1. नियमित फसल सुधार प्रक्रिया
  2. परिक्षण
  3. ट्रायल
  4. जिनेटिक प्योरिटी एनालिसिस
  5. न्यूक्लियस और ब्रीडर सीड मल्टीप्लीकेशन

 

आधुनिक मशीनरी का उपयोग करके, हम ऑटो-पैकिंग, वेयरहाउसिंग और बीज भंडारण और मार्केटिंग के लिए समय पर परिवहन सेवाएं जैसे सर्वोत्तम बीज प्रक्रिया सुविधाएं विकसित करने में सक्षम हैं।

R&D विभाग

आज सागरलक्ष्मी के पास सभी आवश्यक वैज्ञानिक संसाधन हैं। सागरलक्ष्मी के मेनेजिंग डायरेक्टर और मालिक के पास प्लांट ब्रीडिंग और फसल सुधार में मास्टर डिग्री है, इसलिए यह रिसर्च और विकास से लेकर उत्पादन और मार्केटिंग तक हर चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनका वर्षों का अनुभव उन्हें न केवल R&D में बल्कि उत्पादन, मार्केटिंग और संचालन में भी विशेषज्ञ बनाता है। हमारी सफलता की कुंजी उनके कौशल में निहित है। अपने पिता की राह पर, उन्होंने 1995 से GAU (गुजरात एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी) के निवृत्त अनुसंधान वैज्ञानिक डॉ. आर.एम. शाह के साथ बीज उत्पादन पर अपना दृष्टिकोण और विचार प्राप्त करने के लिए हाथ मिलाया है। इसके अलावा सागरलक्ष्मी के R&D यूनिट में डॉ. एफ.सी. चौधरी (2010 से) और डॉ. ए.वी. एग्लोडिया (2013 से) जैसे महान दिग्गजों ने काम किया है, दोनों अनुभवी डॉक्टरेट वैज्ञानिक GAU से निवृत्त हुए हैं। हमारे पास कुल सात विशेषज्ञ हैं जो अपने संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं। और हाल ही में, हमने अपनी टीम में एक और प्रसिद्ध व्यक्ति को जोड़ा है जो है श्री जे.वी. शाह, जो गुजरात राज्य बीज निगम लिमिटेड के पूर्व एमडी हैं और कंपनी की टेकनिकल और मार्केटिंग जरूरतों की देखरेख करेंगे।